Wednesday, January 23, 2013

जब मैं छोटा था शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी


जब मैं छोटा था, शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी..
मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां,

चाट के ठेले, जलेबी की दुकानबर्फ के गोले, सब कुछअब वहां "मोबाइल शॉप",
"
विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है.. 
शायद अब दुनिया सिमट रही है...

भ्रूण हत्या करना गुनाह है पाप है

एक स्त्री एक दिन एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास के गई और बोली,
" डाक्टर मैँ एक गंभीर समस्या मेँ हुँ और मेँ आपकी मदद चाहती हुँ । मैं गर्भवती हूँ,
आप किसी को बताइयेगा नही मैने एक जान पहचान के सोनोग्राफी लैब से यह जान लिया है कि मेरे गर्भ में एक बच्ची है । मै पहले से एक बेटी की माँ हूँ और मैं किसी भी दशा मे दो बेटियाँ नहीं चाहती ।"

प्यारा सुभाष, नेता सुभाष, भारत भू का उजियारा था


है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं।
है समय बड़ा तूफ़ान प्रबल पर्वत झुक जाया करते हैं ।।
अक्सर दुनियाँ के लोग समय में चक्कर खाया करते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, इतिहास बनाया करते हैं ।।

यह उसी वीर इतिहास-पुरुष की अनुपम अमर कहानी है।

कोई बलिदानी शेखर को आतंकी कह जाता है


मन तो मेरा भी करता है झूमूँ , नाचूँ, गाऊँ मैं
आजादी की स्वर्ण-जयंती वाले गीत सुनाऊँ मैं

लेकिन सरगम वाला वातावरण कहाँ से लाऊँ मैं
मेघ-मल्हारों वाला अन्तयकरण कहाँ से लाऊँ मैं